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    फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है: जानीऐं अब कैसे कमाऐं भारी मुनाफा ?


    जब आप एक ट्रेडर के रूप में ट्रेडिंग की शुरूआत करते है, तब शुरुआती महीने बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं।  और इसी लिए आपको यह कुछ तैयारिया करना बेहद जरुरी होतीं है जैसे  कि मार्केट का अध्ययन करना,  वह कैसे काम करता है?, क्या तरिके अपनाये जाते है?,  कैसी योजना के तहत काम किया जात है?  इस तरह से पुरी जांचं परख के बाद पूरी रणनीती के तहत अपना वह फॉरेक्स अकाऊंट चुनें जिस मे आप ट्रेडिंग करना चाहते है। इस तरह से आप यहाँ इस इंडस्ट्री का सिर्फ  theoretical (सैद्धांतिक) अनुमान लगा सकते है। लेकिन आप को इन सैद्धांतिक अनुमानो पर अंमल करने का अभ्यास भी करना चाहीए, आपके real time (ऑनलाइन)  ट्रेडिंग की शुरूआत करने से पहले।

    डेमो अकाऊंट से शुरूआत करें।

    फॉरेक्स मार्केट की सारी बारीकीयों को, ऊँचाइयों को,  गहराई  को और उससे जुडी सारी अच्छी बुरी जानकारीयों को समाझनेके लिए आपको  बिना किसी जोखीम वाले डेमो अकाऊंट के साथ ट्रेडिंग की शुरूआत करके अभ्यास/अध्ययन करना होगा।


    नया अकाऊंट खोलने से पहले यानी सचमुच के पैसों से ट्रेडिंग की शुरूआत करने से पहले डेमो अकाऊंट के साथ अभ्यास करना बहुत जरुरी है। इस तरह के डेमो अकाऊंट के लिए आभासी पैसों का उपयोग होता है। आपको इसके लिये मिले हुए सारे समय/घंटो का उपयोग ट्रेडिंग के लिए करना होगा।   ट्रेडर के लिए उपलब्ध अलग अलग साधन और संसाधन अथवा चिजों का उपयोग करें और उनका उपयोग करके सही निर्णय लें।

    रिअल (सचमूच के) फॉरेक्स अकाऊंट पर काम करने की तैयारियां।
    अपने सचमूच के यांनी रिअल और डेमो इन दोनों अकाऊंट मे पर्याप्त मात्रा मे मार्जिन रखना चाहीए।

    अपने डेमो अकाऊंट पर अभ्यास करने के बाद ही आप अपने सचमूच के अकाऊंट पर ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हो जाते हो। जिस फॉरेक्स अकाऊंट आप ईस्तेमाल/उपयोग करना चाहते हो वह, आप जितना पैसा जमा कराना चाहते हो उसपर निर्भर करता है। यहाँ दो तरह के अकाऊंट होते है - रेग्युलर (नियमित/स्थायी) अकाऊंट जो आपको मिनी पीप्स पर ट्रेड करने की अनुमती देता है और  दुसरा है मिन अकाऊंट जो आपको पीप्स के तिहाई प्रतिशत या थोडा -थोडा ट्रेड करने की अनुमती देता है। दोनों में फर्क यह है की पहले वाले अकाऊंट में पैसों की कोई लिमिट नहीं है जबकी दुसरे में हैं।

    फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरुआत के पहले महिने में खुद को जमाए/टीका के रखना जरूरी है।
    पहला महिना हमेशा ही बहुत ही कठीन होता है जमाए रखने के लिए।  इस महिने अच्छा दृष्टीकोण बनाइये। खुद को मार्केट में टिकाये रखना आपका मकसद होना चाहीए। जब की आप मुनाफा कमाने के लिए ट्रेडिंग कर रहे हो, फिर भी आपको नुकसान उठाने के लिए भी तैयार रहना चाहीए। याद रखीये की नुकसान होना यह भी अभ्यास/अध्ययन/सिखने का अनुभव ही होता है और इस तरह की स्थिति की वजह से खुद को कम समझना या खुद का आत्मविश्वास खोना, यह नहीं होना चाहीए।

    लक्ष्य/ध्येय/उद्देश्य

    अपने लक्ष्य को साध्य करने के लिए अपने ट्रेडिंग प्लॅन पर अडीग रहना चाहीए।

    आपका लक्ष्य  उचित/यथार्थवादी होना चाहिए।  वह (लक्ष्य) नफा या पिप्स नहीं होना चाहिये जो आप एक दिन में कमाना चाहते हैं। वह (लक्ष्य) गलतियों को दोहराते ना हों। याद रखियें के आप  मार्केट में अच्छे दिन और बुरे दिन दोनों का अनुभव करेंगे। अगर किसी दिन आप मार्केट में पैसे हार जाओगे तो उस दिन जो अनुभव आपको होगा उस को समझबुझ  कर दूसरे दिन फिर से नई शुरुआत कीजिए। दूसरी स्तिथि में जब आप अपने अनुमान से ज्यादा पैसे ( मुनाफा) कमाते है तब आप उस दिन के लिए  आगे ट्रेडिंग ना करना की बात सोचोगे  क्योंकि आप के तर्क के अनुसार आप पहलेही 2 दिनों का मुनाफा कमा चुके है। ऐसी योजना ठीक नहीं है। अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों पर अडिग रहिये चाहे आप ने मुनाफा कमाया हो या निरंतर नुकसान, अगले दिन फिर नई  शुरुआत कीजिए। यही आपका लक्ष्य - होना चाहिए अगले दिन ट्रेड करने के लिए।


    रणनीतियां
    ट्रेडिंग करनेके लिए आपको रणनीति अपनानी होगी।  अगर नहीं है तो उसे पेपर पर अभी बनाइये। यह रणनीति कुछ ऐसी होनी चाहिए जो आपके लिए सुविधाजनक हो और उसपर पालन करने योग्य हो। प्राप्त करने योग्य हो।  आपकी रणनीति 3 तत्वों के आधार पर बनानी होगी।

    ट्रेडिंग प्लान बनाना -
    आपका प्लान लिखिए और उस का पालन कीजिए। यह आपके लक्ष्य (धेय्य) को पाने का रास्ता हैं।

    प्लान पर अड़िग रहना -  अगर आपने अपना कार्य प्लान किया है तो, उस पर अंमल कीजिए। हरदिन अपने प्लान के अनुसार ट्रेडिंग करें,  अगर किसी एक दिन आप ने मुनाफा नहीं कमाया इस कारण से उसे मत बदलिए।

    नुकसान देने वाला ट्रेड बंद करें और यह सोचकर की मार्केट आप के लिए अनुकूल होगा इस आशा पर खुद का नुकसान ना होने दें। ट्रेड करते वक्त ऐसी कोई शिथिलता ना बरतें।

    ट्रेड की निगरानी - 
    बहुतसे लोग अपने ट्रेड की निगरानी के लिए स्वचालित मोड (automatic mode) को अपनाते है, लेकिन अगर आप खुद निगरानी करें तो बेहतर होगा।  मार्केट में बदलाव हुआ तो आप हलचल/ ट्रेडिंग में बदलाव कर सकते है। अगर नुकसान आपके अनुमान से अधिक हुआ तो आप ट्रेड को बंद कर सकते है और बहुत ज्यादा नुकसान से बचकर बाहर निकल सकते है।

    अनुशासन -
    अगर आप सफल ट्रेडर बनना चाहते है तो आपको अनुशासित बनना होगा।  ट्रेडिंग के कुछ बुनियादी नियमों में से एक नियम यह है कि आपको अपने ट्रेडिंग 

    एकाउंट के 2% से  ज्यादा का खतरा एक बार के ट्रेड पर नहीं मोल लेना चाहिये। अपने ट्रेड को मॉनिटर करके निपटाने के लिए सारे उपकरणों का एवं साधनों का इस्तेमाल करिए।  आपका ट्रेडिंग प्लान ऐसा होना चाहिए जो नुकसान रोकने (stop loss) और आदेशों (orders) को सीमा (limit) में रख कर आपको बचाने के लिए उपयुक्त हो।

    गैरजरूरी/ बेवजह खतरा मोल लेना आपको बड़े नुकसान की तरफ ले जा सकता है।

    अपनी भावनाओं को संभालिये और बौद्धिक रूप से ट्रेड करना सीखिए। नुकसान आपको डिप्रेशन में नहीं ले जाए या मुनाफा/नफा आपको लालची ना बनाए। जो रणनीति आपने बनाई है उसपर अडिग/डटे रहिए। उत्तोलन (leverage) का जब भी उपयोग करें तब हमेशा सावधानियों को बरतने की आदत डाल लें, यह हमेशा याद रखें। आपको अपने एकाउंट की रकम से 500 गुना ज्यादा रकम से ट्रेड करने के लिए उकसाया जाएगा।  लेकिन आप इस में फंस कर अपने अच्छे और मुनाफे वाले कैरियर को जूए में परिवर्तित नां होने दें।

    घबराना और अपनी रणनीति बदलना आपको नुकसान की तरफ ले जा सकता है। ट्रेड करते वक्त अनुशासित रहिये और यह याद रखियें की ऐसे दिन भी आएंगे जिनमें ट्रेडिंग करना अच्छा नहीं होगा। अनुशासन जरूरी है सफलतापूर्वक ट्रेडिंग करने के लिए और मुनाफ़ा कमाने के लिए।

    ब्रोकर का चुनाव कैसे करें 
    जब आप अपने डेमो एकाउंट की शुरुआत करते हो ब्रोकर के साथ, तब हो सकता है कि आप उसकी सेवाओं से संतुष्ट हों या नां हों। अगर आप ब्रोकर द्वारा दी जानेवाली सेवाओं से संतुष्ट नहीं है तो आप उसे बदल दीजिये और ऐसे ब्रोकर को चुनिए जो आपको आपकी जरूरत के अनुसार सेवाएं ऑफर करें।

    अगर अनुशासन का पालन किया जाए और अपनी रणनीतियों पर अड़िग रहें तो फॉरेक्स ट्रेडिंग एक गंभीर और सफल कैरियर बन सकता है। आप दूसरों के अनुभव से नहीं सीख सकते।पहले पूरी तैयारियाँ कर लें फिर उन रास्तों पर सावधानीपूर्वक अपने खेल प्लान (गेम प्लान) करें।  यह किसी कैसिनो का जुआ नहीं, जहाँ आपको अपने भाग्य (लक) का सहारा मिलता है। यह आपका बिज़नेस है, और इसे आप अच्छी तरह से संभालकर सफल बना सकते है।

    अगर आप चाहें तो करेंसी ट्रेडिंग बहुत ही सरल हो सकती है। एक नया ट्रेडर चीजों को जरूरत से ज्यादा उलझा देता है और आखिर में  अपना ट्रेड करने का कॉन्फिडेंस (आत्मविश्वास) खो देता है और गलत/बुरे  फैसले लेता है।  इसलिए उसे " मुझे कुछ भी नहीं समझ आता " यह अनुभूति (फीलिंग)  सही लगने लगती है। इसका नतीजा यह निकलता है कि वह ट्रेड करने के लिए टिप्स ढूंढने लगता है। नए लोगों को ट्रेडिंग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़े, तो भी उन्हें यह समझना होगा कि जिन लोगों से वह टिप्स मांग रहें है उन लोगों ने भी अपनी गलतियों से और अपने गलत/बुरे  निर्णयों से ही सीखकर अपना ज्ञान बढ़ाया है। 


    तकनीकी (टेक्निकल) और मौलिक (फंडामेंटल) विश्लेषण ( एनालिसिस

    तकनीकी (टेक्निकल) और मौलिक (फंडामेंटल) विश्लेषण सीखना यह पहला कदम है और जो आपको लेना ही होगा करेंसी ट्रेडिंग सीखनेके लिए। यह वो गणितीय भविष्यवाणी है जो फॉरेक्स ट्रेडिंग और जुए के बीच एक लकीर बनाती है।


    तकनीकी (टेक्निकल) विश्लेषण (एनालिसिस) की धारणा का मानना है " ट्रेंड आपका मित्र है  बदलता नहीं है "(प्रवृत्ति/ प्रचलन आपकी मित्र है). इन विचारों के स्कूल के अनुयायियों की धारणा यह है कि ट्रेंड तब तक नहीं बदलता जबतक उसे  कोई कारण न दिया गया हो बदलने के लिए। ऐसा कोई कारण हो जैसे किसी समाचार की घोषणा या कोई ऐसी घटना जो आर्थिक दुनिया को प्रभावित करती हो।  एक ट्रेडर को हमेशा चार्ट्स पढ़कर और फिर संपूर्ण ट्रेंड की दिशा को निर्धारित करना चाहिए।


    दूसरी तरफ मौलिक ( फंडामेंटल)  विश्लेषण (एनालिसिस) समाचार और मुख्य घटनाओं पर आधारित होते है।  यह माना जाता है कि कोई भी ट्रेंड हमेशा के लिए नहीं चल सकता है। वह देर सवेर बंद होने की कगार पर आता ही है।

    एक फॉरेक्स ट्रेडर के रूप में कामयाब होने के लिए आपको चार्ट्स के साथ साथ समाचार/खबरों पर भी नजर रखनी ही होगी।

    अगर आप सही ढंग से ट्रेंड का भविष्य जानना और मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं तो आपको एक ट्रेडर के तौर पर इन दोनों तरह के विश्लेषण (एनालिसिस) को सीखना जरूरी है।  हालांकि चार्ट्स एक जरूरी भाग है ट्रेंड का भविष्य जानने  के लिए , फिर भी आप संपूर्ण ट्रेंड की भविष्यवाणी तब तक नहीं कर सकते जबतक आप उनको मैलिक (फंडामेंटल) विश्लेषण (एनालिसिस) के साथ नहीं पढ़ते।


    सिस्टम होपिंग

    सभी अच्छे ट्रेडिंग निर्णय अनुभव से सीखे हुए तथ्यों का नतीजा है

    जब ट्रेडर अपनी कौशल्य और काबिलियत पर विश्वास नहीं होता, तब वह  एक सिस्टम से दूसरी सिस्टम पर स्विच करता रहता है और संकेतकों (इंडीकेटर्स) को  बदलता रहता है  यह जाने बगैर के वह कैसे काम करते हैं। उसे सर्फ इतनाही पता होता है कि उसे तब करेंसी खरीदनी है जब वह एक निशान पार करती है। इसके साथ जो हिसाब जुड़ा होता है वह उसकी समझ के बाहर होता है। जब वह इस सिद्धांत को समझता है तब यह हिसाब मायने रखता है। 

    दूसरी बात जो सिस्टम होपिंग की तरफ ले जाती है वह है ट्रेडर्स का अपना पैसा  खोने का डर। सभी ट्रेडर्स मार्केट में मुनाफ़ा कमाने के लिए होते है। वें  इस खेल का आनंद लेना भूल जाते है और हमेशा जितनेकी  ख्वाहिश रखते है।

    नए लोग जानते है कि वें मुनाफा नही कमा सकते और उन्हें नुकसान भी हो सकता है। पर यह बौद्धिक रूप से जानते हुए भी , वें भावनात्मक रूप से इसे स्वीकार करने के लिए सज्जित (तैयार)  नहीं होते है।   नतीजतन ,  यह जो नुकसान होने का डर है वह उनको एक के बाद दूसरा संकेत (इंडिकेटर) उनके  सिस्टम मे जोडने के लिए बढ़ावा देता है।  ताकि वें मार्केट की ऊंचाइयो पर पहुंचे। वें अब संकेतकों को (इंडीकेटर्स) पढ़ सकते है और कहाँ वो इशारा कर रहे है यह भी देख सकते है पर किमत का ट्रेंड नही देख सकते।

    जब आप संकेतकों (इंडीकेटर्स) का ढेर लगाते हो तब ज्यादा परेशान हो जाते हो क्योंकि हर संकेतक आपको कुछ अलग करनेको कहता है।

    ऐसा इसलिए होता है की, जब एक M. A. C. D. संकेतक बेचना (sell) करना सही है यह संकेत दर्शाता है तब दूसरा ADX जैसा संकेतक खरीदना (buy) करने का संकेत दर्शाता है। यह सब उलझ जाता है और आप ज्यादा परेशान हो जातो हो और इसका नतीजा यह होता है कि आप गलत निर्णय लेते हो।


    चार्ट पढ़ें
    अब यहाँ तकनीकी (टेक्निकल) विश्लेषण (एनालिसिस) सामने आता है। चार्ट का पालन करें और तकनीकी तथा मौलिक विश्लेषण की मदद से देखें कि संपूर्ण प्रवृत्ति (ट्रेंड) किस तरफ बढ़ रहा है। क्या वह ऊपर जा रहा है या नीचे आ रहा है?  जब ट्रेंड ऊपरी हाथ के बाएं कोने से निचले दाएं तरफ आगे बढ़ता है तब ट्रेंड नीचे बढ़ता है और इसके विपरीत। इस प्रवृत्ति(ट्रेंड) को समझें और उस पर ध्यान केंद्रित करें।  बहुत सारी जटिलताओं से बचने का यही एकमात्र तरीका है


    जब आप चार्ट को पढ़ना और किमतों की दिशाओ का अंदाजा लगाना सीखते हो, तब आप एक दिन अपने ट्रेडिंग कैरियर में पीछे देखते है और यह तमन्ना/इच्छा करते हैं कि काश आपने वक्त रहते USD/EUR को बेच दिया होता।

    साप्ताहिक (वीकली) चार्ट पर नजर डालना आपको ट्रेंड (प्रवृत्ति) की दिशा निर्धारित करने में मदद करता है।

    कुछ ट्रेडर्स सिर्फ संपूर्ण ट्रेंड चेक करते है और किसी दूसरी दिशा में जाकर कोई भी खतरा मोलने से इनकार करते है। वें सब सुरक्षित खिलाड़ी होते है। उन्हें धैर्य की आवश्यकता होती है लेकिन  अंत में उनका धैर्य भुगतान करता है और  अपने ट्रेड को सरल बनाकर , वें आराम करने में सक्षम हो जाते है। (रिलैक्स करते है)

    यह याद रखिये की फॉरेक्स ट्रेडिंग जुआ नहीं है.  जुआ पूरी तरह से लक की बात है, जबकि फॉरेक्स ट्रेडिंग में चार्ट्स को पढ़ना और लॉजिक की मदद से ट्रेंड्स (प्रवृत्तियोंको) की भविष्यवाणी करना शामिल है। फॉरेक्स के विशेषज्ञों द्वारा की गई भविष्यवाणियाँ शायद ही कभी गलत होतीं है। दूसरों से टिप्स माँगने से और उनके अनुभवों पर निर्भर रहने से अच्छा है कि हम खुद यह सीख लें कि चार्ट्स और सिस्टम कैसे काम करते हैं। ट्रेंड्स का पालन करके ट्रेड को सरल बनाइये और जब आपको ऐसा कुछ खोज लेते हो जिसे आप समझ नहीं पाते हो तब आगे बढ़ जाइए।

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